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चिंतपूर्णी दे दर उतो मिलन मुरादा मिठियां


सोहन महीना आया माँ ने घलियाँ ने चिठियाँ ,
चिंतपूर्णी दे दर उतो मिलान मुरादा मिठियां

कष्ट कलेश निवारण वाली सब दे काज सवारन वाली,
चिंतावा नु माँ ते छड़ दे भव सागर तो तारण वाली,
जो भी आन मुसीबतां  राह विच आप जान नजिठियाँ,
चिंतपूर्णी दे दर उतो मिलान मुरादा मिठियां

सोहन महीने चाला आया दर भगता ने डेरा लाया,
चार चुफेरे रोनका लागियां एह मेरी सब माँ दी माया,
की की करा व्यान मैं सिफ़्ता मेतो जान न लिखियाँ,
चिंतपूर्णी दे दर उतो मिलान मुरादा मिठियां

चिंतपूर्णी चिंता हरदी सब दे दुखड़े दूर है करदी,
घूम के सारी दुनिया वेख ली माँ मेरी जेहा कोई न दर्दी,
जो भी रमन दी झोली दाता सब इसे दियां द्वितीय,
चिंतपूर्णी दे दर  उतो मिलान मुरादा मिठियां……………..

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