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चूड़ी हारण बन के कान्हा बरसाने आया रे


माखन चोर दिल को चुराने आया रे,
चूड़ी हारण बन के कान्हा बरसाने आया रे,
काली पीली हरी नीली सारे रंग भी लाया है
आओ लेलो चूड़ी पहनो कान्हा शोर मचाया है ,

राधा से मिलने को बहाना बनाया रे,
चूड़ी हारण बन के कान्हा बरसाने आया रे,

गोरी काली मतवाली सभी निकल पड़ी है घर से,
सखियों विच राधा प्यारी चूड़ी पेहने श्याम सुंदर से,
प्यारी राधी रानी को चूड़ी पहनाया रे,
चूड़ी हारण बन के कान्हा बरसाने आया रे…………

श्याम पीछा छोड राधे रानी का
काहे ढूंढे रास्ता बृजधानी का

जब जब घर से निकलू मोहे खडो मिले सावरिया
मटकी मेरी छीने दही देजा ब्रिज नारिया
राज बनवारी का
श्याम……..

राधा ये तेरा मटका मेरे दिल को दे गया झटका
तु चली गई बरसाने मैं डोला भटका भटका
रूप ब्रिज नारी का
श्याम………

मैं मथुरा की ग्वालिन और तु गोकुल का ग्वाला
मेल मिलेगा कैसे मैं गोरी तु काला
छैल नन्दरानी का
श्याम………

कानो में कुण्डल सोहे गले बैजन्तीमाला
ठोड़ी पे ठाकुर जी के हीरा चमके आला
रूप गिरधारी का
श्याम……..

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