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खीरे का रायता

१.आजकल दही में खीरे का रायता बनाकर प्रयोग करने का बहुत अधिक प्रचलन है लेकिन यह हानिकारक हो सकता है।

२. छच्छिका शीतला लघ्वी है जबकि दही उष्ण है एवं कफपित्तकृत् है अत:उपयोगी होते हुए भी विधिं हित्वा दधिप्रिय नहीं होना चाहिए।

४. ग्रीष्म में दही का अपने स्वयं के स्वरूप में सेवन करना निषिद्ध है संस्कार करके सेवन कर सकते हैं। लस्सी ले सकते हैं ,पतली छाछ ले सकते हैं, लेकिन ग्रीष्म में दही खाना बहुत अच्छा नहीं माना जाता। ग्रीष्म में दही खाना हो तो बिना मथे न खाएं मथ कर ही खाना चाहिए।

५.प्राचीन आचार्यों महर्षि चरक एवं महर्षि सुश्रुत तथा महर्षि वाग्भट ने खीरा ककड़ी और दही के एक साथ प्रयोग करने को विरुद्ध आहार में नहीं बताया, लेकिन व्याकरण में “दधित्रपुषं प्रत्यक्षो ज्वर:” कह कर दही और खीरे का एक साथ प्रयोग निषिद्ध बताया है। केवल व्याकरण के ग्रंथ में यह उल्लेख है पर यह विचारणीय तो है ही।

६.कोई भी विकृति सतत अभ्यास से होती है चरक विमान एक, लेकिन इससे विरुद्ध द्रव्य के प्रयोग की छूट नहीं मिल जाती

७. बहुत सी ऐसी परिस्थितियां हैं जिसमें विरुद्धं वितथं भवेत् भी कहा गया है इससे भी विरुद्ध आहार के प्रयोग की छूट नहीं मिल जाती।

८. किसी व्यक्ति के विरुद्ध आहार का सेवन करने पर भी यदि विकाराजनन है तो वह उसके विकारविघातकर भाव का कार्मुकत्व है ।इसका तात्पर्य यह हुआ कि उसकी व्याधिक्षमत्व की संचित निधि तो खर्च हो ही रही है। किसी के द्वारा विरुद्ध आहार का प्रयोग करने पर भी यदि उसके कोई बीमारी नहीं होती इसका तात्पर्य यह तो नहीं है कि विरुद्ध आहार कोई हानि नहीं करता।

९. वर्तमान काल में खीरा ग्रीष्म ऋतु में मिलने लगा है लेकिन प्राचीन काल में ऐसा नहीं था।

१०. ऋतुक्षेत्राम्बुबीज की दृष्टि से खीरे के बीजवपन का काल जुलाई का महीना है और यह अगस्त के अंत तक फल देता है।

११. तब तक दही के प्रयोग का निषेध काल प्रारंभ होने को रहता है

१२. खीरे के लघु फल पित्तापह हैं जबकि पक्व फल उष्ण एवं पित्तल हैं

१३. इस संबंध में बहुत कुछ लिखा जा सकता है पर समासत: इतना ही पर्याप्त है कि यदि प्रचलन में वृद्धवैद्यव्यवहार के आधार पर व्याकरणशास्त्रियों ने इसे निषिद्ध बताया है तो इसे दही के साथ क्यों लें

१४. लघु और नव फल का रायता बनाकर लेने में हो सकता है कि कोई नुकसान ना हो पर जो सिद्धांतत: प्रमाणित है और नवीन संदर्भ में जब तक पुन: प्रमाणित नहीं हो जाता तब तक दही के साथ क्यों ले

१५. संस्कार करके तो कुछ भी कर सकते हैं पर दही और त्रपुस(खीरा) को तो निषिद्ध ही मान लें।

१६. विशेष विश्लेषण तो द्रव्यगुण वालों और स्वस्थवृत्त वालों को करना चाहिए।

१७. मैं प्राचीन शास्त्र के तो और भी बहुत से विश्लेषण प्रस्तुत कर सकता हूं पर आधुनिक विज्ञान के विश्लेषक भी इस पर विचार करें । कहते हैं कि खीरे में भी पोटेशियम पर्याप्त होता है और दही में भी पोटेशियम पर्याप्त होता है यह भी सुनते हैं की खीरे के अधिक प्रयोग से हाइपरकलेमिया होता है। जब दोनों एक साथ मिल जाएंगे तो हानि नहीं करेंगे क्या? अब इसके आगे का विश्लेषण तो अन्य सभी विद्वानों से अपेक्षित है |

खीरा कब और कैसे खाना चाहिए?
इस समय खीरा खाना बढ़ा सकता है आपकी …
एक्सपर्ट के मुताबिक, सुबह के वक्त खीरा खाना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है. आप लंच में भी खीरे को खास सकते हैं. लेकिन अगर आप रात में खीरा खाते हैं तो इसका फायदा उतना नहीं मिलता है. रात में खीरा (Best Time To Eat Cucumber) खाना कई समस्याओं को जन्म दे सकता है.

1 दिन में कितना खीरा खा सकते हैं?
दरअसल, इसमें विटामिन K होता है। ये कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाता है और हड्डियों को अंदर से मदबूत बनाने में मदद करता है। तो, इन तमाम कारणों से आपको रोज 1 खीरा खाना चाहिए।

खीरा लेने का सबसे अच्छा समय क्या है?
खीरे का सेवन दिन या रात किसी भी समय किया जा सकता है क्योंकि यह तीनों दोषों को संतुलित करने में मदद करता है और शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखने में मदद करता है। अगर आपकी पाचन शक्ति कमजोर है या खराब है तो आपको रात के समय इसका सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि खीरे के बीज पचने में भारी होते हैं।

खीरा खाने से कौन सी बीमारी दूर होती है?
इसमें मौजूद फाइबर कब्ज की समस्या को दूर करके पेट साफ रखने में मदद करता है। कब्ज की समस्या को आसानी से दूर करता है। खीरे में मौजूद मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में मदद करते हैं। खीरे में मौजूद पोटेशियम और पानी की पर्याप्त मात्रा ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में मदद करती हैं।

खीरे में कौन कौन से गुण पाए जाते हैं?
इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी, विटामिन के, कार्ब्स, मैग्नीशियम, पोटेशियम और मैंगनीज जैसे पोषक तत्व मिलते हैं. खीरे में कई एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. इसमें करीब 96% तक पानी होता है. गर्मी के मौसम में यह हाइड्रेशन के लिए सबसे बेहतर माना जाता है.

सुबह खाली पेट खीरा खाने से क्या होता है?
खाली पेट खीरा खाना फायदेमंद माना जाता है. क्योंकि आपको पूरे दिन के लिए एक्टिव रहना होता है और रिफ्रेश रहना होता है. दिन के समय खीरा खाने से मेटाबोलिक रेट बढ़ता है और तो और पेट की समस्याओं भी दूर होती हैं. हालांकि अगर आपको सर्दी, खांसी और जुकाम की समस्या अक्सर रहती है तो रात में इस सब्जी को खाने से परहेज करें.

रोज खीरा खाने से क्या फायदा होता है?
आज हम आपको ऐसे ही खीरे के अनोखे फायदों के बारे में बताएंगे.
1 . डिहाइड्रेशन से राहत खीरे में करीब 96% पानी होता है, जिसे खाने से यह बॉडी में हाइड्रेशन को बरकरार रखता है. …
2 . मोटापा दूर करें खीरे में पानी की मात्रा ज्यादा और कैलोरी काफी कम होती है.
3 . स्किन केयर
4 . डायबिटीज में फायदेमंद
5 . कंट्रोल रहेगा इंफ्लेमेशन

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