दशा मुझ दीन की भगवन संभालोगे तो क्या होगा |
अगर चरणों की सेवा में लगा लोगे तो क्या होगा ||कि नामी पातकी मैं हूँ कि नामी पाप हर हो तुम |
जो लज्जा दोनों नामों की बचा लोगे तो क्या होगा ||
दशा मुझ दीन की भगवन संभालोगे तो क्या होगा |
अगर चरणों की सेवा में लगा लोगे तो क्या होगा ||कि नामी पातकी मैं हूँ कि नामी पाप हर हो तुम |
जो लज्जा दोनों नामों की बचा लोगे तो क्या होगा ||
दशा मुझ दीन की भगवन संभालोगे तो क्या होगा |
जिन्होंने तुमको करुणा कर पतित पावन बनाया है ||
उन्ही पतितों को तुम पावन बना लोगे तो क्या होगा |
दशा मुझ दीन की भगवन संभालोगे तो क्या होगा ||
यहाँ सब मुझसे कहते हैं किसी के काम का ना तू |
मैं किसका हूँ ये झगड़ा ही मिटा दोगे तो क्या होगा ||
दशा मुझ दीन की भगवन संभालोगे तो क्या होगा ||
अजामिल गीध गणिका जिस दया गंगा में बहते हैं |
उसी में बिन्दु सा पापी मिला दोगे तो क्या होगा ||
दशा मुझ दीन की भगवन संभालोगे तो क्या होगा ||