श्याम से राधा केह रही रे तू मेहँदी रचाई दे सांवरियां…..
मेहँदी को तू रंग चड़ाये दे
मेरे मन की चाह मिटाए दे रे,
नखराली हो रई आई गई रे
देखो मेहँदी रचाई दे सांवरियां………….
मेहँदी के रंग में रंग जाऊ बीच हथेली श्याम लिखाऊ,
मन में ऐसी है रही देखो मेहँदी रचाई दे सांवरियां…….
होरी को दिन आये गयो है मन मेरो ललचाये रयो है,
लाल गुलाबी है रही मैं देखो मेहँदी रचाई दे सांवरियां…….
की मुझसे प्रीत कान्हा खोटी
कऊएं को खिलाई माखन रोटी -2
तेरी दीवानी जो ना होती
सारी उम्र वृह में ना रोती…….. -2
उद्धार मौर का कर दिया
सिर मौर मुकट धर लिया -2
की मुझसे प्रेम लीला झूठी।
कऊएं को खिलाई माखन रोटी……
जैसे बंसी अधर लगाती तू
ऐसी मुझसे प्रीत निभाती तू -2
तर जाती चरण जो लगाई होती।
कऊएं को खिलाई माखन रोटी……
राधा रानी को दुलराया
तूने मुझे कन्हईया ठुकराया -2
मुझे समझ के दास छोटी।
कऊएं को खिलाई माखन रोटी……
की मुझसे प्रीत कान्हा खोटी
कऊएं को खिलाई माखन रोटी -2
तेरी दीवानी जो ना होती
सारी उम्र वृह में ना रोती……….