Breaking News

धन का नशा!!

एक छोटा सा 5 साल का बच्चा रमेश दोस्तों के साथ खेल रहा था। खेलते – खेलते रमेश विरोधी दल पर भारी पड़ रहा था। तभी अचानक दोनों दल में कहासुनी हो गई , दूसरे दल का एक बड़ा लड़का रमेश से लड़ने लगा और काफी समय झगड़ा चलने के बाद बड़ा लड़का कहता है – ‘ नौकर है , नौकर की तरह रह। ‘

इस पर रमेश कुछ असहज और घबरा जाता है , यह बात उसके दिमाग में गूंजने  लगती है , इस शब्द को वह कभी भुला नहीं पाया।
बड़ा होकर रमेश  ने एक बड़ी कंपनी में नौकरी पाई , अब वह नौकर नहीं बल्कि मालिक था।

उसके साथ कई छोटे-बड़े कार्य करने वाले लोगों का हुजूम था।

एक दिन जब वह लिफ्ट से नीचे उतरा तो दिखता है एक पढ़ी-लिखी महिला जो अभी बड़ी गाड़ी से उतरी है , वह सुरक्षा में तैनात महिला गार्ड को अपशब्द और गाली गलौज कर रही है। महिला गार्ड अपनी सफाई देने का प्रयास कर रही है , किंतु इसका प्रभाव धन के नशे में डूबे महिला पर नहीं पड़ रहा है। तभी रमेश की आंख महिला गार्ड के साथ खड़े लड़के पर पड़ती है , जो मां के पीछे डरा सहमा खड़ा है।

उस लड़के को देखकर बचपन की याद आ जाती है जब खेल में किसी ने यह कहा था  –

‘ नौकर का लड़का है , नौकर बनकर रह।

महसूस हुआ शर्मिंदगी किसे कहते हैं।

अचानक वह सारा दृश्य  आंखों के सामने आ गया और आंखें अचानक नम हो गई।

Check Also

malik-naukar

जीवन को खुशी से भरने की कहानी

रामशरण ने कहा-" सर! जब मैं गांव से यहां नौकरी करने शहर आया तो पिताजी ने कहा कि बेटा भगवान जिस हाल में रखे उसमें खुश रहना। तुम्हें तुम्हारे कर्म अनुरूप ही मिलता रहेगा। उस पर भरोसा रखना। इसलिए सर जो मिलता है मैं उसी में खुश रहता हूं