एक गांव था। उस गांव में लोग श्रमदान से चौपाल बना रहे थे। गांव के सभी लोग काम में लगे हुए थे। लेकिन वहां एक व्यक्ति उदास खड़ा हुआ था। गांव के सरपंच ने जब यह देखा तो वो उस व्यक्ति के पास गए।
सरपंच ने उस व्यक्ति से कहा, ‘आपको काम में हाथ बंटाना चाहिए।’ उस व्यक्ति ने कहा,’सरपंच जी मैं तीन दिन से भूखा हूं।’ तब सरपंच ने कहा, ‘ठीक है भाई तुम मेरे घर जाकर भोजन कर लो।’ वह व्यक्ति सरपंच के घर गया और उसने पेट भर के भोजन किया।
अब सरपंच ने कहा, ‘तुमने भोजन तो कर लिया अब काम में हाथ बंटाओ।’ वह व्यक्ति बोला, ‘नहीं सरपंच जी क्योंकि मेरा पेट भर गया है। मैं आपके यहां थोड़ी देर आराम करना चाहूंगा।’
संक्षेप में
किसी ने सही कहा है कि ‘अवसर खोजने वाले अवसर खोज लेते हैं और बहाना खोजने वाले बहाना।’
Hindi to English
There was a village. People in that village were making Choupal from Shramdan All the people of the village were engaged in work. But there was a person standing sad. When the Sarpanch of the village saw this, he went to that person.
The sarpanch said to the person, ‘You should give hand in the work.’ That person said, ‘Sir, I have been hungry for three days.’ Then the sarpanch said, ‘OK brother, go to my house and eat food.’ The person went to Sarpanch’s house and he had a meal full of stomach.
Now the sarpanch said, ‘You have eaten the food, now divide your hands in the work.’ The person said, ‘Not the Sarpanch, because my stomach is full. I would like to rest here for a while. ‘
in short
Someone has rightly said that ‘seek opportunities to find opportunities and excuse to find excuses.’