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इच्छाओं का बंधन!!

एक बार एक सूफी संत अपने शिष्यों के साथ बाजार से जा रहे थे। उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति एक गाय की रस्सी पकड़े चला जा रहा है। उन्होंने उसको रोक लिया और अपने शिष्यों से पूछा कि बताओ कौन किसके साथ बंधा है? शिष्यों ने तुरंत उत्तर दिया कि गाय बंधी है इस आदमी के साथ।

यह जहां चाहे गाय को ले जा सकता है। इस पर सूफी संत ने झोले से कैंची निकालकर गाय की रस्सी काट दी। रस्सी के कटते ही गाय तेजी से भाग चली। उसके मालिक ने दौड़कर बड़ी मुश्किल से उसे पकड़ा। संत ने अपने शिष्यों को समझाया कि वास्तव में यह व्यक्ति ही गाय से बंधा है। गाय की इसमें कोई रुचि नहीं है। इसीलिए रस्सी कटते ही वह भाग गई।

इसी प्रकार हम भी अपनी इच्छाओं की डोर से बंधे हैं और समझते हैं कि हम आजाद हैं।

Moral of Story- सीख

सांसारिक वस्तुओं से अधिक मोह नहीं करना चाहिए।

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