श्रीगणेश
गणेशजी को तुलसी छोड़कर हर तरह के फूल पसंद हैं। खास बात यह है कि गणपति को दूब अधिक प्रिय है। गणेशजी पर तुलसी कभी न चढ़ाएं। भगवान गणेश लाल रंग के फूलों को पसंद करते हैं। इसके अलावा गेंदे का फूल भी उन्हें प्रिय है, इसलिए भक्त इसकी माला बनाकर गणेशजी को चढ़ाते हैं।
भगवान शिव
भगवान शंकर को सभी सुगंधित फूल पंसद हैं। चमेली, श्वेत कमल, शमी, धतूरा, शमी, गूलर, पलाश, बेलपत्र, केसर उन्हें खास प्रिय हैं।
विष्णु
भगवान विष्णु को तुलसी बहुत पसंद है। काली तुलसी और गौरी तुलसी, उन्हें दोनों ही पंसद हैं। कमल, बेला, चमेली, गूमा, खैर, शमी, चंपा, मालती, कुंद आदि फूल विष्णु को प्रिय हैं।
हनुमान
हनुमानजी को लाल फूल चढ़ाना ज्यादा अच्छा रहता है। वैसे उन्हें कोई भी सुगंधित फूल चढ़ाया जा सकता है।
सूर्य
भगवान सूर्य को आक का फूल सबसे ज्यादा प्रिय है। शास्त्रों में कहा गया है कि अगर सूर्य को एक आक का फूल अर्पण कर दिया जाए, तो सोने की 10 अशर्फियां चढ़ाने का फल मिल जाता है। उड़हुल, कनेर, शमी, नीलकमल, लाल कमल, बेला, मालती, अगस्त्य आदि चढ़ाने का विधान है। सूर्य पर धतूरा, अपराजिता, अमड़ा, तगर आदि नहीं चढ़ाना चाहिए।
भगवती (देवी)
सामान्यत: सभी लाल फूल और सुगंधित सभी सफेद फूल भगवती को विशेष प्रिय हैं। बेला, चमेली, केसर, श्वेत कमल, पलाश, चंपा, कनेर, अपराजित आदि फूलों से भी देवी की पूजा की जाती है। मां लक्ष्मी, दुर्गा तथा अन्य देवी जैसे कि सरस्वती एवं पार्वती जी के पूजन के लिए लाल रंग के पुष्प देना शुभ माना जाता है। शक्ति का स्रोत देवियों के अलावा शिव के पुत्र गणेश को भी खास प्रकार के फूल चढ़ाने की मान्यता प्रचलित है। आक और मदार के फूल केवल दुर्गाजी को ही चढ़ाना चाहिए, अन्य किसी देवी को नहीं। दुर्गाजी पर दूब कभी न चढ़ाएं। लक्ष्मीजी को कमल के फूल का चढ़ाने का विशेष महत्व है। |