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God Loan

ईश्वर ऋण –

ईश्वर ऋण कैसे उतारा जाए ?

ईश्वर सिर्फ यही चाहता है कि जिस पवित्र रूप में इस आत्मा को मैंने जीवन दिया है उसी पवित्र रूप में वह उसके पास पुनः लौट आए ।

जब हमारा जन्म होता है तब एक पवित्र आत्मा का निवास उस जीव में होता है इसलिए छोटे बच्चे को ईश्वर का रूप कहा जाता है। लेकिन जैसे जैसे वह बच्चा बड़ा होने लगता है। वह अपनी आत्मा को विषैली होने से बचा नहीं पाता।

बचपन जवानी और बुढ़ापा इन तीन अवस्था से सभी व्यक्ति को गुजरना ही होता है।

छोटे बच्चे के आगे ढेर सारे रुपए रख दिये जाए और खिलौने रख दिये जाए तो वह खिलौना उठाएगा पैसा नहीं।

वहीं जवान व्यक्ति पैसे का मोह करेगा।

बुढ़ापे में व्यक्ति को यदि मालूम हो जाए कि उसके जीवन के अधिक दिन शेष नहीं तो वह सिर्फ अपने परिवार के साथ जीवन यापन करना चाहेगा एक ही आत्मा समय अनुसार परिवर्तित होती रहती है।

किसी भी अवस्था में हम ईश्वर प्राप्ति पर जोर नहीं देते। उससे मोह नहीं करना चाहते । जिससे मोह करने पर सारे पापों का नाश हो, आत्मा निर्मल हो पुनः ईश्वर के पास लौटने के लिए प्रयत्नरत हो। पापों का नाश होने पर व्यक्ति बिलकुल निर्मल शुद्ध हो जाता है। जो ईश्वर को स्वीकार्य है।

शुभ रात्रि वंदन !

English Translation

God loan –
How to get rid of God’s debt?
God only wants that in the holy form in which I have given life to this soul, he should return to him again.
When we are born then a holy spirit resides in that jiva hence the small child is called the form of God. But as the child grows up. He is unable to save his soul from being poisoned.
Every person has to pass through these three stages of childhood, youth and old age.
If a lot of money is placed in front of a small child and toys are placed, he will pick up the toy, not the money.
At the same time, the young person will be attracted to money.
In old age, if a person comes to know that there are no more days left in his life, then he would like to live only with his family, only one soul keeps changing according to time.
Under no circumstances do we insist on attaining God. I don’t want to be infatuated with him. Due to which all the sins are destroyed by attachment, the soul becomes pure and again tries to return to God. After the destruction of sins, the person becomes absolutely pure. which is acceptable to God.
good night greetings

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