गोकुल से आया कान्हा गोकुल से रे
हाथो में बंसी लेके तेरे लिए
रास रचाए चलो रास रचाए,
झूमे नाचे गाये रे
इक दूजे में खो जाए रे
बरसाने आया यमुना पार कर के राधा मैं तेरे लिए
झुला झूले गी राधा रानी श्याम झुला देंगे
गोकुल से आया कान्हा गोकुल से रे
हाथो में बंसी लेके तेरे लिए
वृन्दावन की कुञ्ज गली में मच गया यम का शोर
माखन की चोरी करने देखो आया नन्द किशोर
गोकुल से आया कान्हा गोकुल से रे
हाथो में बंसी लेके तेरे लिए………….