गोकुल से शोर आया माखन का चोर आया
ये तो करता है दिन में चोरी
आज पकड़े गी गोकुल की गोरी
ये कैसा चित चोर आया
गोकुल से शोर आया माखन का चोर आया
माखन यशोदा के जिस का न ठोर है
चोरी के माखन का मजा कुछ और है
माँ यशोदा की ममता का चोर
नन्द बाबा की सांसो की डोर
ये बांधे सिर मोर आया
गोकुल से शोर आया माखन का चोर आया
दिन में गोपाल बाल मटकी उतारे
माखन समेट सारे मुह को सवारे,
कभी ग्वालिन से करे सीना जोरी,
मिले न माखन ऊँगली मरोड़ी
देखो ग्वालो का जोर आया
गोकुल से शोर आया माखन का चोर आया,,,,,,,,,,,,,,,