हार कर दर पे जो आता है
सांवरा उनको अपनाता है
थोड़े आंसू और मन में भाव लिए
श्याम चरणों में जो आता है
हार कर दर पे …………….
श्याम देता सहारा वो ही तो दे आसरा
बीच मंझधार जो कश्ती किनारा भी दे सांवरा
हर दम हारे का देता साथ है
ऐसा श्याम सरकार है
जिनकी साँसों में नित प्रेम है
सांवरा उनको अपनाता है
हार कर दर पे …………….
ग़म के बदल जब छाये लीले चढ़ वो आता है
अपने भक्तों के जीवन के दुखड़े मिटा जाता है
आज के आंसू कल मोती बने अंश को हर पल विश्वास है
जिनकी आँखों में नित प्रेम है
सांवरा उनको अपनाता है
हार कर दर पे …………….
घडी खुशियों की जब आये संग संग झूमता गाता है
संतोष के हर एक पल पल का साथी वो बन जाता है
जीवन बगिया महकता है मन में वो बस जाता है
जो इन्हे मानता मीत है सांवरा उनको अपनाता है
हार कर दर पे ……..