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हमने ब्रज के ग्वाले से अपना दिल लगाया है

हमने ब्रज के ग्वाले से अपना दिल लगाया है,
नींद भी गवाई है चैन भी गवाया है,
हमनें ब्रज के ग्वाले से अपना दिल लगाया है

दिल मेरा बेकाबू हो जाता है उस पर,
देखता है मेरी तरफ और मुस्कुराता है,
हमनें ब्रज के ग्वाले से अपना दिल लगाया है

कई बार चाहा उसे हाले दिल सुनाऊ मैं,
होंठ मेरे खुल ना सके सामने जो आया है,
हमनें ब्रज के ग्वाले से अपना दिल लगाया है

सब ये समझते है वो बांसुरी बजाता है,
पर उसने इशारों से हमको बुलाया है,
हमनें ब्रज के ग्वाले से अपना दिल लगाया है

हमने ब्रज के ग्वाले से अपना दिल लगाया है,
नींद भी गवाई है चैन भी गवाया है,
हमनें ब्रज के ग्वाले से अपना दिल लगाया है

जिसकी कृपा से रोशन है मेरी सुबहो-शाम
सबसे प्यारा, सबसे न्यारा, वो है मेरा श्याम

रंग सांवरा, केश घुंघरा, बांकी अदाएँ
रूप मोहिनी, छवि सोहिनी, तिरछी निगाहें
होठों पे मुरली, जैसे हो,  प्रेम का पैगाम
सबसे प्यारा, सबसे न्यारा, वो है मेरा श्याम…..

मोर मुकुट, सोहे पीतांबर, गल वैजयंती माल
मोहे नुपूर, चरण कमलो में, टेढ़ी सी है चाल
प्रेमी को घायल, कर देती, एक मधुर मुस्कान
सबसे प्यारा, सबसे न्यारा, वो है मेरा श्याम….

मुरली मनोहर, हृदय कोमल, प्रेम का सागर
श्याम सुंदर, लख दातारी , करुणा का गागर
सूरज चाँद सितारे तेरा नित्य करें गुणगान
सबसे प्यारा, सबसे न्यारा, वो है मेरा श्याम….

चोरी चोरी, माखन खाए,  चितवन है चंचल
भोला भाला, नटखट भी है, छाया है शीतल
चर्नो मे , दीपक इनके ही, मिलता है आराम
सबसे प्यारा, सबसे न्यारा, वो है मेरा श्याम….

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