कान्हा चाहू तुझे बस युही तकदा,
हर वेले दिल कहे करू तेरा सजदा,
होठो पे तेरे मोहन बंसी निराली है
सवाली सूरत प्यारी बड़ी मत वाली है
काली काली तेरी कान्हा लट घुंगराली है
हर वेले दिल कहे करू तेरा सजदा,
कितना छुडाये पर छुट नही पाता है
प्रमियो पे ऐसा प्रेम रंग तू लगाता है जिस का तू मीत है
हर उसकी जीत है
मैं दीवाना श्याम तेरे इस रंग दा,
हर वेले दिल कहे करू तेरा सजदा,
रात दिन श्याम तेरे भजनों को गाऊ मैं
सारी दुनिया को तेरी महिमा सुनाऊ मैं
शर्मा कहे तेरे दर से ना जाऊ मैं
इक कंगले को तूने किया लख दा,
हर वेले दिल कहे करू तेरा सजदा,,,,,,,,