हे भगवान तेरी माया का पार कोई ना पाया है
धरती और बीच खम्ब ना दर्शाया है
हे भगवान तेरी माया का पार कोई ना पाया है…………
पल में रच दे उस की तपली पल में मेल सिणया जी
पल में रच दे किला गढ़ सुन्दर सर पे छत्र फिराया जी
हे भगवान तेरी माया का पार कोई ना पाया है
धरती और बीच खम्ब ना दर्शाया है,,,,,,
पल में रच दे जवानी सुन्दर सर में रखदो छाया जी
पल के बीच तन झर झर होता देख बुढ़ापा आया जी
चुतर नार पुत्र बिन तरसे एक पुत्र नहीं पाया जी
हूण नार जाने बहुतेरा जान जान खोदी काया जी
हे भगवान तेरी माया का पार कोई ना पाया है
धरती और बीच खम्ब ना दर्शाया है,,,,,,,
पल में जल जंगल रे भरदे
तेरी अनोखी माया रे तेरी अनोखी माया रे
तीरथ राम कहे सुन अंतु बड़े सैथ लगाया है
हे भगवान तेरी माया का पार कोई ना पाया है
धरती और बीच खम्ब ना दर्शाया है,,,,,,,