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हो आजा नन्द के दुलारे रोवे अकेली मीरा

हो आजा नन्द के दुलारे रोवे अकेली मीरा

बालक सी मैं व्याह करवाया तेरे संग मैं व्याही हो
पीहर छोड़ सासरे आ गी ल्यादी कुल कशाही हो,
धोवे अकेली मीरा
हो आजा नन्द के दुलारे रोवे अकेली मीरा

रोम रोम में रम्या होया से नही रोम से न्यारा हो
दुष्टों का संगार करा तने बन भगतो का प्यारा हो,
हो जंग जावे अकेली मीरा
हो आजा नन्द के दुलारे रोवे अकेली मीरा

आदम देह के चोले के संग दूत रहे सयम के हो
सतरंग सहज बिछा राखी से लगे गलीचे गम के हो
सोवे अकेली मीरा
हो आजा नन्द के दुलारे रोवे अकेली मीरा

मांगे राम राम ने टोहवे कोना पावे दर पे हो
लखमी चंद सुरग  में जा लिए फिर भी भोजा सिर पे हो
रोवे अकेली मीरा
हो आजा नन्द के दुलारे रोवे अकेली मीरा

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