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ऐसे करें धूर्त की पहचान

 

बात मुगलकाल की है। उस समय अकबर का शासन था। अकबर के मंत्री अब्दुल रहीम खानखाना थे। एक दिन एक व्यक्ति ने आकर रहीम के द्वारपाल से कहा, ‘मैं बहुत सिद्ध रसायनी हूं, लोहे से सोना बनाना आता है मुझे और इस बारे में मंत्रीजी से कुछ बातें करना चाहता हूं।’

द्वारपाल ने आकर रहीम को यह संदेश दिया तो रहीम ने उसे बाहर निकाल देने की अनुमति दी। रहीम के एक मित्र ने उनसे कहा, मिल लेने में क्या हर्ज है, हो सकता है वह सचमुच कोई सिद्ध पुरुष हो।

रहीम हंसकर बोले, अगर वह वाकई ऐसी कोई कला जानता, तो इस समय मारा-मारा न फिरता और न ही मेरे पास आता। वह तो मेरे जैसे हजारों आदमियों को अपने वश में रखने की क्षमता प्राप्त कर चुका होता। वह एक धूर्त है और ऐसों से दूर रहना ही बेहतर है।

Hindi to English 

The matter is of Mughal time. At that time Akbar’s rule was. Akbar’s Minister was Abdul Rahim Khankhana. One day a person came and told Rahim’s gatekeeper, “I am a very proven chemical, I want to make gold from iron and I want to talk to the minister about this.”

When the gatekeeper came and gave this message to Rahim, Rahim allowed him to take him out. A friend of Rahim said to him, what is the problem in getting a mill, maybe he is a proven man.

Rahim laughed and said, if he really knew such art, then at this time he could not beat and neither came to me. He would have been able to acquire the ability to subdue tens of thousands of people like me. He is a sly and it is better to stay away from this.

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