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इनाम अकबर बीरबल कहानी

अकबर ने अपने दरबार को सभी के लिए खोल रखा था उसमें चाहे कोई व्यक्ति अपनी फ़रियाद लेकर आये या फिर अपनी प्रतिभा का प्रद्रशन करने आये। एक बार की बात है एक रामदेव नाम का गायक अपने संगीत को अकबर के दरबार में दिखाने की मंशा से राजस्थान से आया।

वह अकबर के महल में प्रवेश करने लगा लेकिन तभी वहाँ पर खड़े दरबान ने उसको रोक दिया। रामदेव ने जब कारण पूछा तो दरबान ने कहा की अकबर के दरबार में जाने के लिए आपको 5 अशर्फिया देनी होंगी। गायक ने बोला मेरे पास अशर्फिया तो नहीं है मै बहुत गरीब हूँ। दरबान ने बोला यदि अशर्फिया नहीं है तो आप राजा अकबर से नहीं मिल सकते।

उसके जिद्द करने पर दरबान रामदेव को अपने मंत्री के पास लेकर गया मंत्री ने भी उसको यही बोला यहाँ पर राजा अकबर से मिलने के लिए बहुत लोग आते है इसलिए जिसके पास हमें पांच अशर्फिया देने के लिए होती है हम केवल उनको ही राजा अकबर से मिलने देते है।

यदि तुम्हारे पास अशर्फिया है तो तुम दरबार में जा सकते हो। रामदेव के पास अशर्फिया नहीं थी इसलिए उसको बाहर निकाल दिया गया। वह बहुत दुखी हो गया और जाने से पहले उसने बीरबल से मिलने की सोची जिसका उसने बहुत नाम सुन रखा था।

वह बीरबल के घर पहुँचा और उसने बीरबल को सारी बात बताई की किस तरह दरबान ने 5 अशर्फिया नहीं होने पर उसको राजा अकबर से मिलने नहीं दिया। बीरबल इस पर बहुत आश्चर्य चकित हो गए। बीरबल ने रामदेव को इसका हल निकालने का आश्वाशन दिया।

बीरबल बहुत चतुर थे। बीरबल खुद एक गायककार का भेष बना कर अकबर के महल में जाने लगे। तभी उनको उसी दरबान ने रोक दिया। दरबान ने बीरबल से भी पांच अशर्फिया मांगी। लेकिन बीरबल ने बोला उसके पास अशर्फिया नहीं है।

दरबान ने बोला तो तुम अंदर नहीं जा सकते। बीरबल ने कहा लेकिन मै बहुत अच्छा गाना गाता हूँ मेरा गाना सुनकर बादशाह जरूर मुझे इनाम देंगे तो उस इनाम का आधा हिस्सा मै तुम्हे दे दूंगा। उसकी इस बात को सुनकर दरबान उसको अपने मंत्री के पास लेकर गया।

बीरबल ने मंत्री को भी यही बताया की जो भी इनाम मिलेगा उसका आधा हिस्सा मै तुमको दे दूंगा। वह मंत्री आधे इनाम के लालच में आ गया और बीरबल को दरबार में भेज दिया। दरबार में जाकर बीरबल ने बताया वह राजस्थान से अपना संगीत पेश करने आया है।

अकबर ने बीरबल को गाना सुनाने की इजाज़त दी इसके बाद उसने अपना गाना सुनाया जिससे बादशाह अकबर और सभी दरबार के लोग खुश हो गए। अकबर ने बोला हमें तुम्हारा गाना बहुत पसंद आया तुम हमसे जो इनाम मांगना चाहते हो मांग सकते हो।

बीरबल ने बोला महाराज मुझे इनाम ने 100 कोड़े चाहिए। उसका यह जवाब सुनकर सब हैरान हो गए। अकबर ने पूछा क्या तुम सच में किसी ख़जाने की जगह कोड़े इनाम में चाहते हो। बीरबल ने हा कहा इसके बाद एक व्यक्ति कोड़े लगाने के लिए वहाँ पर आ गया।

तभी बीरबल ने बोला लेकिन मेरे आधे इनाम का हिस्सा किसी और के साथ बटेगा जिसको मैंने वादा कर रखा है अकबर ने जब पूछा तो बीरबल ने सारी बात बता दी और अपना भेष हटा दिया जिससे सबको पता लग गया की वह तो बीरबल है।

इसके बाद अकबर ने दरबान और मंत्री को जेल में डलवा दिया। बीरबल ने तब रामदेव गायक को दरबार में पेश किया। सभी लोग बीरबल की बुद्धिमता की चर्चा करने लगे।

English Translation

Akbar had kept his court open to all, whether any person came with his complaint or came to demonstrate his talent. Once upon a time, a singer named Ramdev came from Rajasthan with the intention of showing his music in the court of Akbar.

He started entering Akbar’s palace but then the concierge standing there stopped him. When Ramdev asked the reason, the concierge said that to go to Akbar’s court, you have to give 5 Asharfia. The singer said that I do not have Asharfia, I am very poor. The concierge said if there is no Asharfia then you cannot meet King Akbar.

On his insistence, the concierge took Ramdev to his minister, the minister also told him the same thing, many people come here to meet King Akbar, so whoever has to give us five Asharfias, we only have them to meet King Akbar. gives.

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If you have Ashrafia you can go to the court. Ramdev did not have Asharfia, so he was thrown out. He became very sad and before leaving he thought of meeting Birbal whose name he had heard a lot.

He reached Birbal’s house and told Birbal everything about how the concierge did not allow him to meet King Akbar when he did not have 5 Asharfia. Birbal was very surprised at this. Birbal assured Ramdev to find a solution.

Birbal was very smart. Birbal himself started going to Akbar’s palace disguised as a singer. Then he was stopped by the same concierge. The concierge also asked Birbal for five ashrafias. But Birbal said that he does not have Asharfia.

If the concierge said then you cannot go inside. Birbal said, but I sing a very good song, after listening to my song, the king will surely reward me, then I will give half of that reward to you. Hearing this, the concierge took him to his minister.


Birbal also told the minister that whatever reward he will get, I will give half of it to you. The minister got greedy for half the reward and sent Birbal to the court. Going to the court, Birbal told that he has come from Rajasthan to present his music.

Akbar allowed Birbal to recite the song, after which he sang his song, which pleased Emperor Akbar and all the people of the court. Akbar said, we liked your song very much, you can ask for whatever reward you want from us.

Birbal said, Maharaj, I want 100 whips for the reward. Everyone was surprised to hear his answer. Akbar asked, do you really want a whip reward instead of a treasure. Birbal said yes, after that a person came there to whip.


Then Birbal said, but half of my reward will be shared with someone else whom I have promised, when Akbar asked, Birbal told the whole thing and removed his disguise so that everyone came to know that he was Birbal.

After this Akbar put the concierge and the minister in jail. Birbal then introduced the Ramdev singer to the court. Everyone started talking about Birbal’s intelligence.

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