Breaking News

ये थी बेंजामिन फ्रैंकलिन की सोच, तभी बने वो महान

ये थी बेंजामिन फ्रैंकलिन की सोच, तभी बने वो महान
                                                               ये थी बेंजामिन फ्रैंकलिन की सोच, तभी बने वो महान

बेंजामिन फ्रैंकलिन बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। अमेरिका के संस्थापक सदस्यों में से एक बेंजामिन लेखक, मुद्रक, व्यंग्यकार, राजनीतिक विचारक, राजनीतिज्ञ, वैज्ञानिक, आविष्कारक, राजमर्मज्ञ, सैनिक, और राजनयिक थे।

उन्होंने बिजली की छड़, बाईफोकल्स, फ्रैंकलिन स्टोव, एक गाड़ी के ओडोमीटर और ग्लास ‘आर्मोनिका’ का आविष्कार किया था। उन दिनों वह एक अखबार के संपादक, मुद्रक हुआ करते थे। इसके बाद उन्‍होंने फिलाडेल्फिया में व्यापार भी किया।

फ्रेंकलिन की विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दिलचस्पी थी और अपने प्रसिद्ध प्रयोगों के लिए उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की।

जीवन के आखिरी दिनों में बेंजामिन दासप्रथा-विरोधी भी रहे। वह अपने विचारों के कारण ही इतनी ऊंचाई तक पहुंच सके।

आइए जानते हैं उनके मुख्य विचार…

– अच्छा बोलने से बेहतर है अच्छा काम करें।

– ज्ञान में निवेश कीजिए इससे बेहतर लाभ कोई नहीं दे सकता।

– हम बड़े तो जल्दी हो जाते हैं, लेकिन समझदार देर से होते हैं।

– या तो कुछ ऐसा लिखो जो पढ़ने योग्य हो या फिर कुछ ऐसा जो लिखने योग्य हो।

– छोटे खर्चों से सावधान, क्योंकि एक छोटा सा रिसाव एक बड़े जहाज को डुबा देता है।

-बुद्धिमान व्यक्तियों को सलाह की आवश्यकता नहीं होती है। मूर्ख लोग इसे स्वीकार नहीं करते हैं।

– ऐसे लोग जो थोड़ी सी अस्थायी सुरक्षा खरीदने के लिए अपनी स्वतंत्रता का बलिदान कर देते हैं। वे न तो स्वतंत्रता के लायक है और न ही सुरक्षा के लायक।

Hindi to English

Benjamin Franklin was rich in versatility. One of America’s founding members Benjamin was a writer, printer, satirist, political thinker, politician, scientist, inventor, prince, soldier, and diplomat.

They invented electric rods, biphokels, Franklin stoves, a carriage odometer and glass ‘Armonica’. In those days he used to be a newspaper editor, printer. After this he also did business in Philadelphia.

Franklin was interested in science and technology, and for his famous experiments, he gained international fame.

In the last days of life, Benjamin was also anti-Dasapratha. He could reach such a height due to his thoughts.

Let’s know their main ideas …

– Better to speak than good. Do good work.

– Invest in knowledge, no one can give better returns than this.

– We grow up early, but are sensible late.

Either write something that is readable or something that is worth writing.

Beware of small expenses, because a small leak sinks a large ship.

-Immediates do not need advice. Fools do not accept it.

– People who sacrifice their freedom to buy a little temporary security. They are neither worth the freedom nor worth the security.

Check Also

pakshi-budiyaa

बेजुबान रिश्ता

आँगन को सुखद बनाने वाली सरिता जी ने अपने खराब अमरूद के पेड़ की सेवा करते हुए प्यार से बच्चों को पाला, जिससे उन्हें ना सिर्फ खुशी मिली, बल्कि एक दिन उस पेड़ ने उनकी जान बचाई। इस दिलचस्प कहानी में रिश्तों की महत्वपूर्णता को छूने का संदेश है।