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Jaaniye Aapke Bhai Ki Success Ka Raaz

एक बार की बात है , दो जुड़वा पोलर बेयर थे . माँ की देख -रेख में उन दोनों के दिन बहुत अच्छे गुजर रहे थे कि एक दिन माँ ने ऐलान कर दिया ,“ कल से तुम्हे खुद अपना ख्याल रखना होगा , न मैं तुम लोगों को खाने के लिए कुछ दूंगी और ना ही अब और शिकार करना सिखाउंगी .”

और अगले दिन माँ बिना बताये दोनों को छोड़ कर कहीं दूर चली गयी .

अब दोनों भाई अपने दम पर थे . वह उदास रहने लगे

अचानक कुछ देर बाद उन्हें भूख लगी , और वे कहीं दूर सील का शिकार करने चले गए

दोनों समुन्द्र के किनारे पर पहुँच गए .

दोनों ही चुप -चाप बैठ गए की अब भी कोई सील तैरते हुए उधर उनकी तरफ आएगी और वे उसे पकड़ कर खा लेंगे . पर काफी देर बीत गयी पर भी कोई सील वहां पर नहीं आई .

तब पहला भाई पानी को छूते हुए बोला ,” ओह्हो… यह कितना ठंडा पानी है …. लगता है हमें इसमें उतारना ही पड़ेगा … नहीं तो हम भूख से मर जायेंगे …”

पर दूसरा भाई उसकी बात काटते हुए बोला कि क्या तुम “ पागल हो गए हो …जो इतने ठन्डे पानी में कूद कर अपनी जान दोगे …अरे थोड़ा इंतज़ार करो कोई न कोई सील अभी आ जाएगी …”

पर पहला भाई नहीं माना , उसने हिम्मत जुटाई और वो पानी में कूद पड़ा ..

जब कुछ देर बाद वो वापस आया , तो उसके हाथ में कोई सील नहीं थी …और ऊपर से वो एकदम गीला हो चुका था , वो ठण्ड से काँप रहा था .

दूसरा भाई उसपर हंसने लगा और बोला कि , “ मैंने पहले ही मना किया था …अब भुगतो …”

लेकिन पहले भाई ने तो मानो सील पकड़ने की ठान ही ली थी , वो फिर से पानी में कूद पड़ा , इस बार उसने पिछली बार से भी अधिक प्रयास किया पर अफ़सोस , इस बार भी उसे सफलता नहीं मिली .

“क्यों एक ही गलती को बार -बार करते हो ?”, दुसरे भाई ने उसे समझाया .

लेकिन वो कहाँ सुनने वाला था , कुछ देर बाद उसने फिर से छलांग लगाई दी .

और इस बार जब वो लौटा तो उसके हाथ में एक बड़ी सी सील थी !

दूसरा भाई देखता ही रह गया , और अंत में उसे खाली पेट ही घर लौटना पड़ा . उसने मन ही मन भगवान को कोसना शुरू किया कि , “ मेरा भाई कितना लकी है , और मैं कितना अनलकी हूँ … सचमुच लाइफ कितना अनफेयर करती है ….”

और बाकी की ज़िन्दगी भी पहला भाई ऐसे ही जीतता गया और दूसरा भाई अपने भाग्य को कोसता रहा।

दोस्तों , दोनों भाई बिलकुल एक जैसे थे , बस अंतर था तो सिर्फ उनकी सोच में . एक भाई जहाँ जोखिम लेकर खुद अपनी किस्मत लिखने को तैयार था , वहीँ दूसरा भाई सिर्फ भाग्य -भरोसे अपनी ज़िन्दगी बिताना चाहता था।

और इस कहानी की तरह ही हमारी असल ज़िन्दगी में भी ज़िन्दगी उसी को सबकुछ देती है जो अपने डर को जीतना जानता है , जो जानता है कि हाँ कुछ करने में खतरा तो है , पर कुछ ना करना और भी खतरनाक है …जो जानता है कि अगर पहला प्रयास कामयाब  न हो तो दूसरा प्रयास करना चाहिए , और दूसरा  ना हो तो तीसरा…जो जानता है कि ज़िन्दगी तो हमें सबकुछ देने को तैयार है.. , बस ज़रुरत है खुद पर भरोसा करने की और अपने डर को पीछे छोड़ अपने दिल की आवाज़ सुनने की . नहीं तो हम जीने को तो जी लेंगे पर अंदर ही अंदर घुटते रहेंगे कि ये जीना भी कोई जीना है !!!


 

Once upon a time, two twins were polar bears. The days of their two were passing very well under the care of the mother that one day the mother declared, “From tomorrow you will have to take care of yourself, neither will I give you anything to eat nor will I be hunting anymore.” Will teach you to do. ”

And the next day, mother left both of them without telling them and went somewhere far away.

Now both brothers were on their own. He started feeling sad

Suddenly, after some time, he got hungry, and he went away to hunt the seal.

Both reached the shore of the sea.

Both of them sat silently that still some seal would float towards them and they would catch it and eat it. But a long time passed but no seal came there.

Then the first brother touching the water said, “Ohhhhh … How cold water is this …”. Looks like we have to put it down… otherwise we will die of hunger… ”

But the other brother said that while talking to him, “Have you gone mad … who will kill himself by jumping in such a cold water … Hey wait a while, some seal will come …”

But he did not agree to be the first brother, he mustered up courage and jumped into the water ..

When he came back after some time, there was no seal in his hand… and from the top he was very wet, he was shivering with cold.

The second brother started laughing at him and said, “I had already refused… now suffer…”

But as if the first brother had decided to catch the seal, he again jumped into the water, this time he tried more than the last time but sorry, this time also he did not get success.

“Why do you make the same mistake over and over?”, The other brother explained to him.

But where he was going to listen, after some time he jumped again.

And this time when he returned, he had a big seal in his hand!

The second brother just kept looking, and in the end he had to return home on an empty stomach. He started cursing God in his heart, “How lucky my brother is, and how unlucky I am … How much life really unfolds….”

And the rest of the life too, the first brother won like this and the second brother continued to curse his fate.

Friends, both brothers were exactly the same, there was a difference only in their thinking. While one brother was willing to take his own risk and write his own destiny, the other brother only wanted to spend his life in luck.

And just like this story, in our real life, life gives everything to anyone who knows how to conquer their fear, who knows that yes there is danger in doing something, but it is more dangerous to do nothing… who knows that If the first attempt is not successful then the second should be attempted, and if the second is not successful then the third… who knows that life is ready to give us everything .., all we need is to trust ourselves and leave our fear behind in our heart. To hear the voice of. Otherwise, we will live to live, but we will keep on kneeling inside that we have to live it too !!!

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