Breaking News

जब खेलने होली लेकर टोली

वो छैल छबीलो,
रंग भरी पिचकारी साथ में लायो,
जब खेलने होली लेकर टोली,
बरसाने में आयो…

लाख करी कोशिश मुझे,
पर टच नहीं कर पायो वो,
बने सयाना बड़ा ही लेकिन,
रंग लगा नहीं पाया वो,
अपनी अंगुली पर मैंने तो,
कल उसको खूब नचायो,
जब खेलने होली लेकर टोली,
बरसाने में आयो…..

फ़ैल हुआ एक प्लान जो उसका,
दूजी उसने चाल चली,
चुपके से पीछे से आकर,
मेरी बहियाँ थाम ली,
मेरी थाम के बहियाँ जुल्मी ने,
जी भर के रंग लगायो,
जब खेलने होली लेकर टोली,
बरसाने में आयो…..

शोर शराबा धूम धड़ाका,
होली की हुड़दंग हुई होली के हुड़दंग में,
दोनों के नैनों की जंग हुई,
इस जंग में मैं तो हार गई,
वो जादू ऐसो चलायो,
जब खेलने होली लेकर टोली,
बरसाने में आयो….

Check Also

bhandara

भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना चाहिए

भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना या नहीं? धार्मिक स्थलों पर आयोजित भंडारे ने निर्धनों को सहारा देते हैं, लेकिन सक्षम व्यक्ति के लिए सेवा या....