जब श्याम की यादें आती है,
तब राधा यूं घबराती है।।
राह तुम्हारी तक तक कर,
आंख भी थक थक जाती है…..-ii
पर पाए ना तू,
पाए ना तू आँख तुम्हारी,
झर झर नीर जो बहती हैं,
जब श्याम की यादे आती है,
तब राधा यूं घबराती है।।
तुम बिन सूना है जीवन,
तुम बिन सूना है आंगन है….-ii
पर हे मन मोहन,
हे मन मोहन मुझ को प्रीतम,
तेरी याद सताती है,
जब श्याम की यादे आती है,
तब राधा यूं घबराती है……,
जब मेरे श्याम तेरी रहमत होगी, तेरी शक्ति से ये दुनिया तभी सहमत होगी।
गुण तेरे गाऊंगा तब तक बाबा , जान जब तक मेरे सरीर से रुक्सत होगी।
जब मेरे श्याम,,,,,,,
दर पे तेरे ही आऊंगा , गुण में तेरे ही गाऊंगा
तुमको ही बाबा मनाऊंगा
जितनी तू परीक्षा ले मेरी दर से तब तक ना जाऊ
के ना जब तक तेरी रहमत होगी
तेरी शक्ति से ये दुनिया तभी सहमत होगी
जब मेरे श्याम,,,,,
जब तक ये संसार रहे , मैं तेरा तू मेरा रहे
चाहे जमाना कुछ भी कहे
मैं आज इधर आया तेरे दर तो कहने मैं दीवाना
जाने कब मुझपे इनायत होगी
तेरी शक्ति से ये दुनिया तभी सहमत होगी
जब मेरे श्याम,,,,,,
मेरे मन मे है प्यास जगी , मुझको दरश की आस लगी
बहुत बुरी है ये दिल की लगी
मोहित है तेरा दीवाना बड़ा तो कर दो एक नज़र तुम
जाने कब तुमको ये खबर होगी
तेरी शक्ति से ये दुनिया तभी सहमत होगी
जब मेरे श्याम………….