जन्मे जन्मे कन्हैया रात बारह बजे,
कैसा सुंदर है नज़ारा रात बारह बजे,
जन्मे जन्मे कन्हैयां रात बारह बजे।
खुल गए ताले सो गए रखवाले,
जब आई सुहानी वो रात हो,
कोई ना समझे ये कोई ना जाने,
बस होने लगी वो बरसात हो,
ले वासुदेव चले गोकुल को बारह बजे,
जन्मे जन्मे कन्हैयां रात बारह बजे……
देवकी ने कन्या जाई सबको बताई,
चारों और ऐसा शोर फैला दिया,
कंस ने मारण तलवार उठाई,
कन्या नभ में गई सब छोड़ हो,
अरे देवी रूप लिया कन्या ने बारह बजे,
जन्मे जन्मे कन्हैयां रात बारह बजे…..
गोकुल में अपनी लीला दिखाए,
डाँट मैया से खाई भगवान ने,
लिखके भजन ज्योति सबको बताये,
चोरी माखन की घनश्याम ने,
अरे कंकर मार के मटकी फोड़ी बारह बजे,
जन्मे जन्मे कन्हैयाँ रात बारह बजे,
कैसा सुंदर है नज़ारा रात बारह बजे,
जन्मे जन्मे कन्हैयां रात बारह बजे…..