हो कान्हा क्यों खावे माखन,
काहे चुरावे माखन
काहे करे तू कान्हा चोरी जवाब आज देना पड़ेगा
चोर चोर कान्हा बता माखन क्यों खता है
रोज रोज गुजारियो की शिकायत क्यों लाता है,
ना कलेजे बा की आज बता दे साथी
काहे शिकयात आवे तोहे
जवाब आज देना पड़ेगा
गईया हजार सदा घर अपने रेहती है
फिर भी गुजरियां तुझे माखन चोर केहती है
तुझमे बताती खोट लगती गले ये चोट,
शान क्यों फीकी करे मोरी
जवाब आज देना पड़ेगा
माखन चोर मण्डली संग ग्वालो के बनाई है
सुना हम ने कान्हा ये सब तेरी चतुराई है
सुना तू जितना छोटा वैरे तू उतना खोटा चोरी संकर्शी न तोरी,
जवाब आज देना पड़ेगा
रिश्ते नाते कान्हा चोर मंगली से छोड़ दे
काम उलटे सीधे सारे मान मेरी छोड़ दे
सागर हो कान खिचाई बाबा करे गे पिटाई
जलो अब गुणों की होली जवाब आज देना पड़ेगा…………..