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जीव जीवन जगत में मिला है तुझे


जीव जीवन जगत में मिला है तुझे भावना भाव भगती भजन के लिए,
मन के मंदिर में मूरत तू एसी सजा
जैसे सजती है सजनी सजन के लिए
जीव जीवन जगत में मिला है तुझे

हो मगन मन लगाले लगन राम से
तैरे पानी में पत्थर उसी नाम से
हो जा तैयार तृष्णा तदन के लिए
जीव जीवन जगत में मिला है तुझे

खाली झोली हरी नाम से भर गई जिनके पग रज से गोतम
पिया तर गई राम जाने वो पग रज किधर को गई
बहुत ढूंडा था मैंने नमन के लिए
जीव जीवन जगत में मिला है तुझे

त्याग कर अपने अन्दर के पट खोल के प्रेम से राधे कृष्णा हरी बोल ले
टोल ले शोंक से भी इसे टोल ले
मेरी कविता है भजनी भजन के लिए
जीव जीवन जगत में मिला है तुझे……..

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