जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा
हस के पुकारे कान्हा रो के पुकारे
तुम को आना पड़ेगा
जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा………
मेरे मन के मंदिर में आओ कन्हिया
जाने ना दूँगा कही बन्सी बजिया
हाथ मेरा पकड़ा है तुम ने फिर क्या घराना
तुम को आना पड़ेगा
जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा………
फिर से सुनाओ वही ज्ञान गीता
जिससे प्रभु तुमने जमाने को जीता
शरण में लगा हम को जरा छोड़ो तरसाना
तुम को आना पड़ेगा
जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा………
रो रो पुकारे ये गईया ग्वाले
अमानत ये तेरी कोई ना संभाले
दर्श दिखा संकट सभी के है निपटाना
तुम को आना पड़ेगा
जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा………
द्वापर में आये त्रेता में आऐ
कलयुग में क्यों तुमने दर्श ना दिखाए
ये हरीश का मोहन कौशिक को समझाना
तुम को आना पड़ेगा
जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा…….