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ज्योतिर्लिंग के दर्शनों की इच्छा दादी के मन समाई

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निलीमा मैडम ,आपने इस स्टूडेंट को गलत तरीके से ज्यादा नंबर देकर पास करने की कोशिश की है , इसका आप क्या स्पष्टीकरण देना चाहती है ?
वार्षिक परीक्षा की कापिया जाँची जा रही थी और उनमे से कुछ कापिया उस स्कुल के प्रिन्सिपाल ने क्रॉस चेक करने के हिसाब से अपने पास बुलवाई।
उनमे से एक कॉपी में निलीमा मैडम ने सौ में से चालीस अंक दिए जबकि वास्तव में उस कॉपी में सिर्फ बीस अंक दिए जाने थे।
सर वच्चे साल भर स्कुल आते है पढाई करते है, और मेहनत भी करते है, उनके पेरेंट्स न जाने कैसे कैसे जतन से फीस भरते है और अनगिनत खर्च उठाते है।
हम पर जिम्मेदारी होती है कि उन अथक श्रम और धन का मूल्याङ्कन ढाई तीन घंटे के पेपर और सौ अंको की तराजू से करे।
सर इस बच्चे ने दस के दस प्रश्नो के उत्तर बहुत ही सफाई और खूबसूरती से दिए है।
हाँ वो तो मैंने भी देखा….। पर उन दस प्रश्नो में से सिर्फ दो प्रश्नो के उत्तर ही सही है बाकि आठ के तो गलत है ना…. ।
फिर मैडम आपने ये बीस अतिरिक्त मार्क्स किस बात के दिए ?
सर आप एक बार क्वेश्चन पेपर और कॉपी को ध्यान से देखिये जिन दो प्रश्नो के उत्तर इसने एक दम सही दिए उन उत्तर की राइटिंग देखिये , कितना रारीके और खूबसूरती से जवाब लिखे है।
बाकी के आठ प्रश्नो के जवाब में बच्चे ने वो लिखा जो उसने याद किया , वो नहीं जो हमने पूछा था।इसका क्या मतलब ?
सर बच्चे के लिए ये तो किस्मत की बात रही कि उसने जो याद किया वो परीक्षा में नहीं पूछा गया और जो पूछा गया वो उसने याद नहीं किया।
इसका मतलब है बच्चे ने पढाई तो की है ,एक बात और ये बच्चा एक सकारात्मक सोच रखता है उसे पता था कि कोरी कॉपी पर कोई भी नंबर नहीं मिलेंगे इसलिए उसने शेष बचे आठ प्रश्नो के उत्तर भी खूबसूरती और कुशलता से लिख दिए भले ही वो गलत हो।
बस सर मैंने बच्चे की इसी पॉजिटिव सोच को बीस अतिरिक्त नंबर दिए , उसके पश्चात आप जो उचित समझे।
वाह निलीमा मैडम आज हम उस बच्चे ही नहीं आप की भी पॉजिटिव सोच के कायल हो गए ।

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