कॄपा दृष्टि भगवन दिखानी पड़ेगी,
कभी दिल में भक्तों के आकर तो देखो,
विरह वेदना में कोई जल न जाये,
विरह अग्नि दिल से बुझा कर तो देखो,
झलक दिल में जबसे दिखाए हो कान्हा,
मुश्किल हुआ तबसे जीवन बिताना
कभी मूर्ति दिल से हटाकर तो देखो,
कभी दिल में……….
बहुत हो चुका अब करो न किनारा,
हमें सिर्फ भगवन तेरा सहारा ।
अब पार नइया लगाकर तो देखो,
कभी दिल में………..
बड़ी मुद्दतों से जगत में है आये ,
बिना दरश जीवन व्यथा ही गंवाए
तो गौतम की बिगड़ी बनाके तो देखो,
कभी दिल में………
कॄपा दृष्टि भगवन दिखानी पड़ेगी,
कभी दिल में भक्तों के आकर तो देखो
विरह वेदना में कोई जल न जाये,
विरह अग्नि दिल से बुझा कर तो देखो…………….