उनकी रेहमत का झूमर सजा है
कमली वाले की महफ़िल सजी है|
तेरे दर से ना जाऊँगा खाली
बाते यही पे आके रुकी है
कमली वाले की महफ़िल सजी है|
तुझे अपना समज के मैं आया
आके देखो तो दुनिया पड़ी है
उनकी रहमत का झूमर लगा है
हो दीवानों की महफ़िल सजी है
कमली वाले की महफ़िल सजी है|
नही चाहिए ये दुनिया के उजाले
तेरी सूरत जो दिल में वसी है
कमली वाले की महफ़िल सजी है|
लै जाओ जिस का जी चाहे
हरी नाम की बोली लगी है
उनकी रहमत का झूमर लगा है
कमली वाले की महफ़िल सजी है||