कान्हा बांसुरी बजावे राधा छम छम नाचे रे
छम छम नाचे रे पी की प्याल बाजे रे
कान्हा बांसुरी बजावे राधा छम छम नाचे
नाचत नाचत राधा बोली सुन लो श्याम हमारी,
जीब जडावे थारी मुरली एसी कामन गारी,
अइया कान्हा से बतलावे राधा छम छम नाचे रे,
कान्हा बांसुरी बजावे राधा छम छम नाचे
कुछ बल खाती कुछ इठलाती आई सखियाँ सारी,
राधा जी को संग में ले कर गेर लियो वनवारी,
तू तो मन में क्यों इतरावे राधा छम छम नाचे रे
कान्हा बांसुरी बजावे राधा छम छम नाचे
राधा प्यारी सुन लो म्हारी बस की ना ये हमारे,
राधे राधे बोले या तो संध्या और सकारे,
मैया राधे ने समजावे राधा छम छम नाचे रे,
कान्हा बांसुरी बजावे राधा छम छम नाचे
प्याल बोले कृष्णा कृष्णा मुरली राधे राधे,
हरी कृष्ण तू ई मुका पे ऐसो भजन सुना दे ,
माहरा हिवड़ा में रम जावे राधा छम छम नाचे रे,
कान्हा बांसुरी बजावे राधा छम छम नाचे……………….