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कान्हा चाहूं तुझे


कान्हा चाहू तुझे बस युही तक दा.
हर वेले दिल कहे करू तेरा सजदा……

होठो पे तेरे मोहन बंसी निराली है
सवाली सुरत प्यारी बड़ी मत वाली है
काली काली तेरी कान्हा लत घुंगराली है
रूप सोहना तेरा नजारा प्यारा दर दा,
हर वेले दिल कहे करू तेरा सजदा….

कितना छुडाये पर छुट नही पाता है
प्रेमियों पर प्रेम रंग तू लगाता है
जिसका तू मीत है हार उसकी जीत है,
मैं दीवाना श्याम तेरे इस रंग दा
हर वेले दिल कहे करू तेरा सजदा……

रात दिन श्याम तेरे भजनों को गाऊ मैं
सारी दुनिया को तेरी महिमा सुनाऊ मैं
शर्मा कहे तेरे दर से ना जाऊ मैं
इक कंगले को तूने किया लख दा,
हर वेले दिल कहे करू तेरा सजदा……….

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