कान्हा कान्हा करती राधा घूम रही बरसाने में
सोर्री सोर्री राधा प्यारी देर हो गई आने में
कान्हा कान्हा करती ….
साची साची बोलो कान्हा कौन मेरे से प्यारा था
सीर सागर में हर नंदी का भात भरन मैं जा रेहा सा
हर नंदी ने बिठा लिया यु देर हो गई आने में
सोर्री सोर्री राधा प्यारी देर हो गई आने में
साची साची बोलो कान्हा कौन मेरे से प्यारा था
द्रोपती की लाज बचाई चीर बडावन जा रहा था
द्रोपती ने बिठा लिया न्यू देर हो गई आने में
कान्हा कान्हा करती ….
साची साची बोलो कान्हा कौन मेरे से प्यारा था
सुदामा की झोपडी का मेहल बना नजारा था
सुदामा ने बिठा लिया न्यू देर हो गई आने में
सोर्री सोर्री राधा प्यारी देर हो गई आने में