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कान्हा मेरे कान्हा कभी मेरे घर भी आ जाना


कान्हा मेरे कान्हा कभी मेरे घर भी आ जाना
मुझे आके दर्श दिखा जाना
कान्हा मेरे कान्हा कभी मेरे घर भी आ जाना|

स्वागत में तेरे पलके बिछाऊ माखन मिशरी का भोग लगाऊ,
कभी भोग लगाने आ जाना भगतो का मान बड़ा जाना
कान्हा मेरे कान्हा कभी मेरे घर भी आ जाना|

|आँगन बुहारू बाट निहारु तन मन अपना कान्हा तुझपे मैं वारु
मुझे आकर गले लगा जाना अखियो की प्यास बुजा जाना
कान्हा मेरे कान्हा कभी मेरे घर भी आ जाना|

सोरव मधुरकर की अर्जी सुन ले कन्हिया
आजा रे आजा अब बंसी बजाईआ
बंसी की तान सुना जाना मेरी भी आस पूरा जाना
कान्हा मेरे कान्हा कभी मेरे घर भी आ जाना|

कान्हा मेरे कान्हा कभी मेरे घर भी आ जाना
मुझे आके दर्श दिखा जाना
कान्हा मेरे कान्हा कभी मेरे घर भी आ जाना………

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