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कान्हा सब तम अब हर लीजो

कान्हा सब तम अब हर लीजो

कान्हा सब तम अब हर लीजो,
चहुँ दिसि ब्यापत घोर अँधेरा,
गोविन्द नया सबेरा कीजो,
कान्हा सब तम—————

सब अपने छूटे सपने टूटे,
हरि धाय हाथ धर लीजो,
कान्हा सब तम —————

इक आश तुम्ही विश्वाश तुम्ही,
अब नव उमंग भर दीजो,
कान्हा सब तम ————-

बिचलित मन नहि सुमिरै कान्हा,
मोरे मन मंदिर घर कीजो,
कान्हा सब तम ————

भगतो के हिरदये में रहता संवारा,
तू ही मेरा खाटू वाला तू ही पालनहारा मेरा संवारा,
संवारा मेरा संवारा,

तुम ने दुःख की विपदा टाली,
बिरहा के दिन बीते मेरे जीवन में थे कांटे,
तुम ने चुन चुन फेंके,
बन के सांसे मेरे दिल में रहता संवारा,
तू ही मेरा है रखवाला तू ही पालनहारा मेरा संवारा,
संवारा मेरा संवारा,

मेरा जीवन तुम ने संवारा ये एहसान है तेरा,
भूल न जाना श्याम तू मुझको ये कहना है मेरा,
भगतो की खातिर क्या क्या सहता है संवारा,
तू ही मेरा खाटू वाला तू ही पालनहारा मेरा संवारा,
संवारा मेरा संवारा,

विष को भी अमृत बनाया श्याम नाम ले पीते,
ज़हर का प्याला पी गई मीरा देखो हस्ते हस्ते हसते,
प्रेम की वश हो अमृत है बनता संवारा,
तू ही मेरा खाटू वाला तू ही पालनहारा मेरा संवारा,
संवारा मेरा संवारा………..

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