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कान्हा तेरी बंसुरिया जुलम करी रे


जब बाजे तू दिल में जखम करी रे
कान्हा तेरी बंसुरिया जुलम करी रे,,,,,,

बजती है जब जब ये यमुना के तट पे
लागे हिथोड़ा सा हिरदये के पट पे
मेरे सांसो की धडकन ये कम करी रे
कान्हा तेरी बंसुरिया जुलम करी रे,,,,,

मधुवन में भजति है जब ये मुरली
मदहोश हो जाती भवरे और तितली
ये कोयल की दिल को बेदम करी रे
कान्हा तेरी बंसुरिया जुलम करी रे,,,,,

जब तेरी मुरली पनघट पे बाजे
मतवाला होके अनाडी भी नाचे
ये अरमान दिलके गरम करी रे
कान्हा तेरी बंसुरिया जुलम करी रे,,,,,,,,

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