कान्हा तू है कारा कारा
कैसे हॉवे गा गुजारा सुन रे सांवरे,
तू है छलियाँ बड़ा मैं भोली संवारे
राधा क्यों इतना इतरावे काहे नैनं को मटकावे
सुन ले बात री,
सीधा साधा कन्हिया चालक री,
वैसे भी वो ब्रिज की नारी सांवर तुझसे हारी
रोब जिमावे मोह पे कन्हियाँ काहे तू गिरधारी
रास रचावे प्यारा प्यारा नाचे ब्रिज मंडल ये सारा
सुन ले संवारे तू है छलियाँ बड़ा मैं भोली संवारे
मोर पखा मेरे शीश विराजे हाथ मुरलियां साजे
अरे तेरे झांसे मैं न आऊ ब्रिज में ढंका बाजे
काहे सखियाँ को बुल्भावे उनसे हसी मेरी उड़ वावे
सुन ले मेरी बात री सीधा साधा कन्हियाँ चलाक री,
वृंदावन से बरसना कब होगा तेरा आना
सारी सखियाँ बात निहारे अच्छा न तरसाना
खेले खेल तू न्यारा न्यारा नागर गुण गावे जग सारा
सुन ले संवारे तू है छलियाँ बड़ा मैं भोली संवारे……….