Breaking News

करुणामयी स्वामिनी श्री राधे


करुणामयी स्वामिनी श्री राधे इक कोर किरपा की कर देना
चोकठ पे तुम्हारी दम निकले मुझको इतना ही भर देना
करुणामयी स्वामिनी श्री राधे इक कोर किरपा की कर देना

जब याद तुम्हारी आती है बह जाता हु मैं भावो में
मेरा जी करता है रो लू तेरे आँचल की छावो में
मैं दीं हीन व्रत शीन प्रिया मुझे अपनी शरण में रख लेना
करुणामयी स्वामिनी श्री राधे इक कोर किरपा की कर देना

अवगुण विसरा कर तुम सब के
अप्राद छमा कर देती नईया चाहे नदियाँ हो या रेती हो,
मुझे जान के अपना हे श्यामा निज चरणों की पावन रज देना
करुणामयी स्वामिनी श्री राधे इक कोर किरपा की कर देना

तूने पल में भाग्य सवारा है जाने कितनो को तारा है
बरसाने आ कर ही मेरा चमका किस्मत का सितारा है,
अति तन की हो सरताज पिया
दासी को पावन कर देना
करुणामयी स्वामिनी श्री राधे इक कोर किरपा की कर देना………

Check Also

bhandara

भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना चाहिए

भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना या नहीं? धार्मिक स्थलों पर आयोजित भंडारे ने निर्धनों को सहारा देते हैं, लेकिन सक्षम व्यक्ति के लिए सेवा या....