बहुत समय पहले की बात है एक जंगल में खरगोशों का एक परिवार रहता था, खरगोशों का परिवार बहुत ही डरपोक था, जब भी कोई दूसरा जानवर उनके घरों के पास से गुजरता तो वे बुरी तरह डर जाते और अपने बिलों में दुबक जाते थे, और अब धीरे धीरे उनकी यह हालत हो गयी थी की कई बार तो दुसरे जानवर के उनके पास से गुजरने भर से उनमे से कुछ डर के मारे मर जाते थे ।
एक दिन की बात है खरगोशों के घरों से कुछ दुरी पर से कुछ घोड़े भागते हुवे जा रहे थे उन घोड़ों के खुरों की तेज तेज आवाजों से खरगोश घबरा गये और बुरी तरह से सहम गये ।
सभी खरगोश ईश्वर से शिकायत करने लगे की आपने हमें इतना कमजोर क्यों बनाया, इस दुनिया में कमजोर का कोई जीवन नहीं है कमजोर के जीवन का प्रत्येक दिन डर और भय में निकलता है और कमजोरों के जीवन में ख़ुशी नहीं होती है ।
उसके पश्चात सभी खरगोशों ने मिलकर यह तय किया की, हमारा ऐसा जीवन कोई काम का नहीं है इसलिए अब हम सब मिलकर हमारे इस बेकार जीवन को समाप्त कर लेंगे और सभी खरगोश इकटठा होकर नदी में डूब कर मरने के लिए अपने घरों से नदी की और रवाना हो गये ।
नदी के किनारे चूहों के बहुत सारे बिल थे, जब खरगोश नदी किनारे पहुंचे तो सारे चूहे डर के मारे इधर उधर भागने लगे और कुछ इस भागदौड में नदी में गिर कर मर गये और कुछ अपने अपने बिलों में जाकर छुप गये ।
सभी खरगोश यह सब देख रहे थे, उन्हें यह विश्वास नहीं हो रहा था की जंगल में ऐसे जानवर भी है जो उनसे डरते है ।
यह सब देखकर खरगोशों को सब कुछ समझ आ गया था और उन्होंने नदी में डूब कर जान देने की बजाय वापस अपने घरों की तरफ जाने का निश्चय किया और अपने घरों को चले गये ।
खरगोशों को अब समझ आ चूका था की ईश्वर ने दुनिया में सभी प्रकार के जीव बनाये है सभी को अलग अलग आकार, रंग, रूप, शक्ति, भोजन दिया है ।
दुनिया में कोई भी सबसे शक्तिशाली नहीं है और ना ही कोई सबसे कमजोर है, सभी को ईश्वर ने जिस हाल में जीवन दिया है उसे उसी में ख़ुशी ख़ुशी रहना चाहिए ।
प्रत्येक जीव को जीवन में दुःख और सुख मिलते है उसे इन दोनों को जीवन का हिस्सा समझकर जीवन को जीना चाहिए ।