खिवईया बन कर कन्हैया आओ
नही तो सांसे ये या रही है
बचा लो बन कर के नाव ये माझी ये नैया हिचकोले खा रही है
मिली जमाने से मुझको ठोकर सहारा कोई न मिल रहा है
पकड़ लो आ कर के हाथ कान्हा नही तो ये जान जा रही है
खिवईया बन कर कन्हैया आओ
है भोज सिर पे गमो का इतना बताने के भी नही हु काबिल,
हुए पराये थे जो भी अपने कही जुबा से न जा रही है
खिवईया बन कर कन्हैया आओ
भरोसा टुटा अगर ये बाबा ये चर्चा तेरे ही नाम होगा ,
फसा हु भवर में कन्हिया नीलाम इजत ये हो रही है
खिवईया बन कर कन्हैया आओ
ये हार तेरी ही हार होगी हसेगा तुझपर जो ये जमाना
सवारी बिगड़ी है दुनिया की अब के वारी नागर की आ रही है
खिवईया बन कर कन्हैया आओ…………