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कितने गिनाऊ एहसान


कितने गिनाऊ एहसान तूने किस्मत बदल दी मेरी संवारे,

लायक नही था फिर भी ना जाने मुझे में क्या ऐसा देखा
पापी अधम था तूने पलट दी मेरी कर्मो की रेखा
जग में बडाया मेरा मान
तूने किस्मत बदल दी मेरी संवारे,

तेरी शरण में क्या मैं बताऊ मैंने क्या क्या है पाया
मुश्किल डगर पे संग संग चला है मेरे बन कर के साया,
मंजिल बना दी आसान
तूने किस्मत बदल दी मेरी संवारे,

जन्मो जन्म का नाता जुडा जो तुमसे मर्जी न छुटे,
सांसो की डोरी टूटे भले ही तेरा बंधन न टूटे
तुम से है मेरी पहचान
तूने किस्मत बदल दी मेरी संवारे,,,,,,,,

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