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जानिए यह है आत्मा की मुक्ति का सच्चा मार्ग

किसी धनी व्यक्ति के घर एक संत भिक्षा लेने के लिए गए। उस व्यक्ति के यहां एक तोता था वो पिंजरे में कैद था। तोता संत को देखकर बहुत खुश हुआ।भिक्षा लेने के बाद जब संत जाने लगे तो तोते ने कहा, ‘हे महात्मा! में इस पिंजरे में काफी दिनों से बंद हूं। जब में अपने साथियों को उड़ते हुए देखता हूं तो मुझे दुःख होता है कृपया आप कुछ उपाय बताए कि में यहां से मुक्त हो सकूं।’

वो संत भिक्षा के बाद अपने गुरु के पास पहुंचे और उन्होंने तोते की आप-बीती सुनाई। तोते द्वारा पूछा गया प्रश्न सुनकर गुरुजी बेहोश हो गए। सभी शिष्य घबरा गए। संत ने फिर से प्रश्न पूछना उचित नहीं समझा।

दूसरे दिन संत के आने की राह तोता देखता रहा। जब संत पहुंचे तो उन्होंने गुरु जी को प्रश्न सुनाने वाली घटना का जिक्र उस तोते से किया। वह तोता बोला, ‘आपके गुरुजी ने मेरे प्रश्न का उत्तर आपको दिया हो या नहीं लेकिन उन्होंने मुझे मेरे प्रश्न का उत्तर दे दिया है।’

अगले दिन तोते ने गुरु के संकेत का प्रयोग किया। वह पिंजरे में बेहोश होकर गिर पड़ा। यह देख धनी व्यक्ति ने उसे मरा जानकर पिंजरा खोला। तोता मौका मिलते ही उड़ गया।

संक्षेप में

संतों ने संसार रूपी पिंजरे से मुक्त होने का भी यही उपाय बताया है, जीते हुए मृतवत् हो जाना जिससे ममत्व रूपी बंधन पैदा न हो। यही आत्मा की मुक्ति का सच्चा मार्ग है।

Hindi to English

A rich man’s house went to take a Saint Bhiksha. The person had a parrot here, he was imprisoned in the cage. The parrot was very happy to see the saint. When the saint came after taking the illumination, the parrot said, ‘O Mahatma! I have been locked in this cage for a long time. When I see my companions flying, I feel sad. Please tell me some tips that I can be free from here. ‘

He came to his master after the Saint Bhiksha and he narrated the parrot to you. Guruji became unconscious after listening to the question asked by parrot. All the disciples were nervous. The Saint again did not understand the question again.

On the second day, he kept looking at the parrot for the coming of the Saint. When the saint arrived, he talked to Guru ji about the event that used to tell the question. The parrot said, ‘Your guru has given you the answer to my question or not but he has answered me my question.’

The next day the parrot used the sign of the guru. He fell unconscious in the cage. This rich man opened the cage after seeing him die. The parrot flew away as soon as possible.

in short

Saints have also given the same remedies of being free from the worldly cage, to be alive and dead, due to which the motherhood is not born. This is the true path to salvation of soul.
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