छोटो सो नानो सो कुञ्ज में विराजो नन्द लाल कान्हो छोटो सो
मैं जब पनिया भरने जाऊ वही मचले वही रोये
कंधे पे बिठा ले मेरी माँ कान्हो छोटो सो
मैं जब मेला देखन जाऊ वही मचले वही रोये
बांसुरी दिला दे मेरी माँ कान्हो छोटो सो
मैं जब पूजा करने बैठू वही मचले वही रोये,
गोदी में बिठा ले मेरी माँ कान्हो छोटो सो
मैं जब वृन्दावन को जाऊ व्ही मचले वही रोये
राधा दिलादे मेरी माँ कान्हो छोटो सो………….