लाडला मैं तो श्री जी का प्यारा मैं तो लाडो का
लाडला मैं तो श्री जी का …………
तुम सामने हो मेरे लगे फिर क्यों दूरी है
इक बार ज़रा पूछो मेरी क्या मजबूरी है
लाडला मैं तो श्री जी का …………
तेरे नाम से ही शुरू तेरे नाम पे ही ख़तम
तेरे चरणों में राधिका गुज़रे ये सारे जनम
लाडला मैं तो श्री जी का …………
तेरे साथ तो सखियाँ है तेरे साथ छलिया है
इक मेरा सहारा तो बरसाने की गलियां है
लाडला मैं तो श्री जी का …………
तू ही है सब का दाता तू महावीर केहलाता
जो चाहे मन से तुझको वो मन चाहा फल पाता
दर्शन तो हमे तुम दे देना भगती से भर देना
आशा के दीप जला कर हम तुम को दूर करेगे,
रिक्त हिरदये में कर्म सनेह का अक्षय ध्यान भरे गे
तेरे सन मुख हम सब मिल कर ज्योति माये दीप जलाए
तेरे पद चिन्नो पे चल कर हम पावन मार्ग पाए
दर्शन तो हमे तुम दे देना भगती से भर देना
मेरे मन मंदिर में प्रभु तेरा ही रूप समाये,
निसदिन उठ कर प्रभु तेरे चरनो में शीश निभाये
तुम ही हो पालनहारे तुम सब के इक सहारे
हो दया तेरी हम पर भी तुम ही हो नाथ हमारे
दर्शन तो हमे तुम दे देना भगती से भर देना
जब भटके मेरी नैया तो कैसे पार लगाऊ,
पर तुम को जब भी ध्याऊ खुद ही खुद मैं तर जाऊ
कहे मित्र मंडल के बालक तू ही किरपा कर देना
मी जुल कर रहे सदा हम ऐसा ही वर तुम देना
दर्शन तो हमे तुम दे देना भगती से भर देना