लिखा है खत में तुझे अपने दिल की बात ,
हे श्याम संभालो आकर है लाज तुम्हारे हाथ,
लिखा है खत में तुझे अपने दिल की बात ,
शरणागत की बात तुझे निभानी आती है,
इसी भरोसे मैंने लिख दी प्रेम भरी ये पाती है,
इस चिठ्ठी में पढ़ लेना मेरे दिल के ये जज्बात,
लिखा है खत में तुझे अपने दिल की बात ,
सारे जग की आस छोड़ कर जिसने तुझे बुलाया है,
आकर काज सँवारे तूने उसका मान बढ़ाया है ,
नरसी ने चिठ्ठी भेजी आये थे भरने भात,
लिखा है खत में तुझे अपने दिल की बात ,
नरसी जैसे भाव नहीं है फिर भी है विस्वाश तेरा,
जीवन के हर मोड़ में मुझको होता है अब्बास तेरा ,
तेरी बात निहारे बीनू ले अशुवां की सौगात,
लिखा है खत में तुझे अपने दिल की बात ………..