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मार्गशिष पुर्णिमा Maargashiṣ purṇaimaa

Maargashiṣ purṇaimaa
Maargashiṣ purṇaimaa

इस दिन महान सम्राट अशोक की पुत्री संघमित्रा भिक्षुणी बनी थी। इस दिन बौ उपासके द्वारा महाउपोसथ व्रत रखा जाता है। इस दिन उपासक महाउपोसथ व्रत के साथ-साथ व्रत भी रखते हैं।

दिव्ययोगशॉप के विशिष्ठ पंडित विधि-विधान से श्रावण पुर्णिमा पूजन संपन्न करते है। इसमे पृथम गणेश पूजन के साथ शंकर भगवान, विष्णु भगवान की पूजा संपन्न की जाती है। तत्पश्चात मार्गशिष पुर्णिमा पूजन के बाद हवन संपन्न किया जाता है। इस पूजा से पाप धुलते है। मन को शांती मिलती है। मनोकामनाये पुरि होती है।

मार्गशिष पुर्णिमा पूजन सामग्रीः

1 चन्द्र स्त्रोत बुक

2 कार्तिक पुर्णिमा गुटिका

पर (मोती) माला

3  गोमती चक्र

4 सिद्ध शंकर फोटो

5 चन्द्र माला

6 तांत्रोक्त चन्द्र नारियल

[To English Wish4me]

Is din mahaan samraaṭ ashok kee putree snghamitraa bhikṣuṇaee banee thee. Is din bau upaasake dvaaraa mahaa_uposath vrat rakhaa jaataa hai. Is din upaasak mahaauposath vrat ke saath-saath vrat bhee rakhate hain. Divyayogashŏp ke vishiṣṭh pnḍait vidhi-vidhaan se shraavaṇa purṇaimaa poojan snpann karate hai. Isame pritham gaṇaesh poojan ke saath shnkar bhagavaan, viṣṇau bhagavaan kee poojaa snpann kee jaatee hai. Tatpashchaat maargashiṣ purṇaimaa poojan ke baad havan snpann kiyaa jaataa hai. Is poojaa se paap dhulate hai. Man ko shaantee milatee hai. Manokaamanaaye puri hotee hai.

Maargashiṣ purṇaimaa poojan saamagreeah:

1 chandr strot buk

2 kaartik purṇaimaa guṭikaa

 par (motee) maalaa

3  gomatee chakr

4 siddh shnkar foṭo

5 chandr maalaa

6 taantrokt chandr naariyal

 

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