म्हापे जद भी कोई मुसीबत कोई आवन लागे
म्हारे सिर के उपर मोरछडी लेहरावन लागे……
जब जब गाडी खावे झटका मोरछड़ी का लागे फटका
अपने आप ही ये गाडी म्हारी भागन लागे
म्हारे सिर के उपर मोरछडी लेहरावन लागे….
मोर छड़ी का देख्या रे जादू,
भूल गया मंत्र सयाना साधू
बेह भी झुक झुक झाड़ा लगवावन लागे
म्हारे सिर के उपर मोरछडी लेहरावन लागे….
हो गये दीवाना मैं तो मोर की छड़ी का
कुन कोनेया बोलू मैं तो श्याम धनी का
भगता खातिर नया नया रस्ता काडन लागे
म्हारे सिर के उपर मोरछडी लेहरावन लागे……
जे के घर में मोर की छड़ी है
वनवारी किस्मत बहुत बड़ी है,
झाडो देवन ताही श्याम धर आवन लागे
म्हारे सिर के उपर मोरछडी लेहरावन लागे…………….