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मैं हूँ बृजबाला तू है ग्वाला रे


मैं हूँ बृजबाला तू है ग्वाला रे सांवरिया,
काहे करे छेड़खानी काहे करे मनमानी,
ओ सांवरिया सांवरिया,
तू है ब्रजबाला मैं हूँ ग्वाला रे गुजरिया,,,,,,

मोहे मटकी दिखाय दे,
माखन मिश्री खिलाय दे,
राधा गुजरिया गुजरिया,
मैं हूं बृजबाला………

होगा तू नंद बाबा का लाला,
मैं हूँ लली वृषभान की,
सुनो राधिका मत इतरावे,
परी नहीं तू आसमान की,
करता है चोरी तू बरजोरी,
शकल तेरी बेईमान की,
काहे मति मारी है,
तुम्हारी रे सांवरिया,
काहे करे छेड़खानी,
काहे करे मनमानी,
ओ सांवरिया सांवरिया,
मैं हूं बृजबाला…………

सुन कान्हा मेरी ऊँची हवेली,
टूटा है तेरा मकान रे,
घर में हमारे लाखों है गैया,
मत कर तू अभिमान रे,
छाछ पे नाचे बंसी बजावे,
बनता है धनवान रे,
उंगली मरोड़े काहे,
फोड़ी रे गगरिया,
काहे करे छेड़खानी,
काहे करे मनमानी,
ओ सांवरिया सांवरिया,
मैं हूं बृजबाला……..

ठाट देखने हो जो हमारे,
आय जइयो मोरे गाँव रे,
देखि झोपड़ी छप्पर की तेरी,
बैठन को नहीं छाव रे,
बोल तो राधा एक बार तू,
बंगला छवा दूँ ऐसी ठाव रे,
सीखी मत झारे,
बिक जाएगी झोपड़िया,
काहे करे छेड़खानी,
काहे करे मनमानी,
ओ सांवरिया सांवरिया,
मैं हूं बृजबाला…..

मैं हूँ ग्वाला रे गुजरिया,
मोहे मटकी दिखाय दे,
माखन मिश्री खिलाय दे,
राधा गुजरिया गुजरिया,
मैं हूं बृजबाला,
तू है ग्वाला रे सांवरिया,
मैं हूं बृजबाला………

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