तेरे संग खेलन ने खेलन ने,
मैं तो बरसाने से आई,
कान्हा जी तुम खेलो ने खेलो ने,
मैं तो बरसाने से आई,
काला तो रंग ल्याई ना ल्याई ना,
मैं तो बहुत घणा दुःख पाया,
सांवरा रंग मेरा रंग मेरा,
रे तू कुणसा रंग ले आई,
कान्हा जी तुम खेलो ने खेलो ने,
मैं तो बरसाने से आई………
प्यार का रंग लेके रंग लेके,
मैं तो तेरे धोरे आई,
गुलाबी हाथा में हाथां में,
मैं तो केसरिया रंग ल्याई,
कान्हा जी तुम खेलो ने खेलो ने,
मैं तो बरसाने से आई,
तू है से राधा मेरे मन की मेरे मन की,
मैं तो अपने दिल की कह रहा,
तन्ने रे राधा आने में आने में,
क्यों इतनी देर लगाईं,
कान्हा जी तुम खेलो ने खेलो ने,
मैं तो बरसाने से आई……
कन्हैया मैं तो तरसु थी तरसूं थी,
होली तो या साल में आई,
तेरे ते कान्हा मिलने की मिलने की,
शिव कुमार ने जुगत बताई,
कान्हा जी तुम खेलो ने खेलो ने,
मैं तो बरसाने से आई,
तन्ने रे राधा आने में आने में,
क्यों इतनी देर लगाईं,
कान्हा जी तुम खेलो ने खेलो ने,
मैं तो बरसाने से आई………….