मैं तो हो गई रे प्रेम दीवानी बसों से मन श्याम पिया
मैं तो हो गई रे प्रेम दीवानी पिया
मैं तो हो गई रे श्याम दीवानी पिया
मैं तो हो गई रे प्रेम दीवानी ….
मैं तो सांवरे सांवरियां की श्याम रतन मैंने पायो
लोक लाज सब भूल गई मैं इक तारा हाथ उठायो
अब तो अपनी करुँगी मन मानी बसों से मन श्याम पिया
मैं तो हो गई रे प्रेम दीवानी ….
मुरली मनोहर की है धरोहर ये सांसो की माला
रोम रोम में रम गए मेरे श्री गिरधर गोपाला
मेरी पीर रहा मेरी पीर रहा
मेरी पीर किसी ने ना जानी वसो रे मन श्याम पिया
मैं तो हो गई रे प्रेम दीवानी ….
है मेरे किस काम के अब ये उचे मेहल चुबारे
ये सतरंगी उची हवेली राज भवन रजवाड़े
लगे गोकुल की गलियां सुहानी वसो रे मन श्याम पिया
मैं तो हो गई रे प्रेम दीवानी ….